
Explore the charm of Navodaya Days in our new blog! Read about how Alumni Meet was celebrated in Jawahar Navodaya Vidyalaya Seoni. It was a Grand Meet, captivated everyone and inspired huge crowd to gather and meet at one point. It is the reunion day of passed out students comes every year. it is Navodayan Bonding one can feel after reading this. It is amazing.
JNVK Alumni Meet Celebration
यादगार माह दिसंबर दिन नवोदय मीट वाला 2023 : हर बार की तरह इस बार भी दिसम्बर के माह में नवोदय मीट का आयोजन होना था। हर बार 1 दिन का आयोजन की जगह इस बार पूरे 2 दिन का आयोजन रखा गया था। 9 दिसम्बर की तारीख को स्पोर्ट मीट, उस पर तरह-तरह के गेम क्रिकेट,वॉलीबॉल का और भी ढेर सारे खेलों का आयोजन किया गया था।

साथ ही नवोदय वाली टी-शर्ट का वितरण और फिर नवोदय वाली टी-शर्ट को पहन कर उन पलों को प्यारी-प्यारी सी तस्वीरों के जरिये कैमरे में कैद करना वो रात भर की मस्ती और 2के2 (2002) बेच वाले भैया दीदी की जी तोड़ मेहनत और 10 दिसम्बर को कल्चरल प्रोग्राम की तारीख तय की गई थी जिसको लेकर मैं बहुत ही उत्सुक था।
हर बार की तरह इस बार भी मैं नवोदय जाने को तैयार था। मेरी नवोदय जाने की पूरी तैयारी हो चुकी थी। लंबी दूरी और काम के चलते में 9 दिसम्बर को स्पोर्ट मीट में तो शामिल नही हो पाया लेकिन 10 दिसम्बर को तो हर हाल में जाना ही था, और जाए भी क्यों ना, इतना गहरा नाता जो था इस जहान से। जहां बचपन से जवानी तक का सफर गुजरा हो भला वहाँ कोन नही जाना चाहता!
9 दिसम्बर की रात को तो सारी रात नींद ही नही आ रही थी। बस घड़ी के काँटे को बार-बार देख रहा था और सुबह के होने का इंतजार में था कि कब थोड़ा हल्का दिन निकले और में अपनी मंजिल के लिए निकल चलू!
दिसम्बर की इस जोरदार ठंड और हल्का कोहरा वाली सुबह के बाबजूद मैं अपनी बाइक से भोर के लगभग 6 बजे से पहले ही शहर जबलपुर से अपने घर नवोदय के लिए बिना किसी भय के अकेला निकल पड़ा था। सफर काफी लंबा था महज़ 150 km के आस पास। ऊपर से जोरदार ठंड लेकिन जहाँ नवोदय का नाम आता है मानो दिल मे एक अलग ही हलचल सी पैदा होने लगती है और अपने अंदर एक अलग ही शक्ति पैदा हो जाती है। तो फिर क्या था, में अपने सफर को यादगार बनाने निकल चुका था। जैसे-जैसे सफ़र कम होते जा रहा था, वैसे-वैसे दिल मे अलग ही हलचल सी पैदा हो रही थी। अब सफर थोड़ा ही बचा था कि महज़ 10 km पहले ही हमारे मित्र शर्मा जी हमारे आने के इंतजार में पहले से ही खड़े थे। जैसे ही हम वहाँ पहुचे, दोनों साथ आगे के लिए निकल चुके थे महज थोडी ही देर में हम हमारा शिक्षा का मंदिर रुपी दूजा घर नवोदय के द्वार मे कदम रख चुके थे।

हम जैसे ही नवोदय में पहुँचे ऐसा प्रतीत हुआ मानो हम किसी जन्नत में आ गए हो और हो भी क्यों ना जिस तरह की साज-सज्जा की गई थी देखते ही बनता था! अब हम गेट के अंदर दाख़िल हुए ही थे कि सबसे पहले ही सामने टक शॉप के पास लगा वह “I Love Navodaya” वाला सेल्फी पॉइंट बड़ा ही सुंदर प्रतीत हो रहा था आगे रास्ते पर लगे रंग-बिरंगे गुब्बारे,बेनर, सारा कुछ दृश्य देखते ही बनता था। हर एक जगह चाहे वो M.P. हॉल, सड़क गेट, स्कूल बिल्डिंग, दीवार, M.P. हॉल के बाहर का वो मनमोहक दृश्य को देखते-निहारते मन और चेहरे में मुस्कुराहट लिए हम तेज रफ्तार से ग्राउंड से होते गुजरते बरिष्ट सदन की ओर निकल चुके थे। रास्ते मे जाते वक्त अपनी एक यादगार तस्वीर अपने JaNaVi परिवार को अपनी उपस्थिति से अवगत कराने के लिए छोड़ चुके थे।
हमारे कदम जैसे ही होस्टल में पड़े वैसे ही हम वापस उन नवोदय वाले दिनों में पहुच चुके थे। वहाँ की हर एक जगह हर एक चीज को ऐसे निहार रहे थे मानो वहाँ से बड़ा गहरा नाता हो। वर्षों पुराना जैसे ही हमारी नज़र मेस की ओर पड़ी तो देखा गया कि सारा मेस खाली हो चुका था और होस्टल धीरे-धीर खाली हो रहे थे। और हो भी क्यों ना आज एलुमिनी मीट वाला दिन जो था। सब को इस दिन का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार होता था। अब सारे कनिष्ठ सदन के बच्चे अपने रूम लॉक कर M.P. हॉल की ओर जा रहे थे। हम भी आगे बढ़ते कुछ यादगार लम्हो को चुरा कैमरा में कैद कर कनिष्ठ सदन की और निकल चले थे।
आज फिर से हमने देखा कि वर्षों से निरंतर चलने वाला वो इकलौता नल आज भी अपनी उसी मंद गति से निरंतर चल रहा था और उसी जगह पर अपनी जड़ें जमाये रखा था, और ना जाने आज भी कितनों को जलापूर्ति करा रहा होगा।

जैसे ही हम कनिष्ठ सदन के अंदर पहुँचे तो देखा गया कि आज्ञाकारी बच्चे अपना-अपना रूम लॉक कर M.P..के लिए निकल चुके थे। अब हमने भी एक बाल्टी का जुगाड़ किया और वही पुराने नल से पहले की तरह पानी भर कर लाया और नहा धो तैयार होकर अब हम आप-पास देखते निहारते हुए मेस की तरफ निकल चुके थे। पहले ही पता जो चल गया था कि आज नाश्ते में इडली सांभर है भला हम उसे कैसे छोड़ सकते थे। जैसे ही हम मेस पर पहुँचे इस बार पहले से विपरीत अलग से नाश्ता चाय सजा कर रखा गया था। पहले गिनती की इडली कतार में खड़े हो कर मिलती थी लेकिन इस दफ़ा ऐसा नही था। इस दफा कोई गिनती नई थी चाहे कितनी भी खा सकते थे। इस बार हमने जी भर के खाने की तरह इडली और सांभर का नाश्ता किया चाय लिया। हमने देखा कि आज भी वही पहले के जैसा ही स्वाद और अपनों का प्यार परोसा जा रहा था। मानो सुंदर भैया, संतोष भैया, दिलीप भैया और बाकी सब के हाथों में एक जादू सा था। सी.ए. सर का भी अपना अलग ही अंदाज था। सर से एक गहरा सा नाता जो था। बरगी नगर जबलपुर नवोदय में सर के साथ काफी वक़्त बिताया था। नवोदय के बाहर बहुत बार इडली खाया मग़र ऐसा स्वाद ना था। इन्ही यादों के साथ हँसते-मुस्कुराते तस्वीरो को कैमरे में कैद कर अब हम M.P. हॉल की ओर निकल चुके थे। अब रास्ते मे जाते वक़्त कुछ खट्टी-मीठी यादों के संग ग्राउंड में कुछ तस्वीरों के साथ हम आगे निकल चुके थे।

वहाँ कर दृश्य देखते ही बनता था मानो हम किसी जन्नत में आ गए हो। इस बार का आयोजन देखने मे बड़ा ही शानदार प्रतीत हो रहा था और हो भी क्यों ना इस दफ़ा मीट की कमान 2K2 बैच के भैया दीदी लोगो और JaNaVi परिवार के मजबूत कंधों और 2K2 बैच के हाथों पर जो थी जो कि काफी लंबे समय से बड़ी ही जोर शोर से चल रही थी। पूरी लगन के साथ जो मीट की तैयारी करने में जुटे हुए थे मानो इस बार तो धमाल ही होने वाला था और बिल्कुल ऐसा ही हुआ जितना कही सोचा होगा सब ने उस से कहीं बहुत ही अधिक देखने को मिला जिसकी आप और हम ने कभी कल्पना भी नई की होगी।
मैने गेट से अंदर आते ही वो एलुमिनी रजिस्ट्रेशन वाली वो बैंच नाम, पता, फ़ोटो,अपनी-अपनी पासिंग ईयर बैच के साथ ID कार्ड का मिलना वो JaNaVi परिवार का रंग बिरंगा स्टीकर गाड़ी पर चस्पा करना क्या शानदार नजारा था।

वो टक शॉप के बिल्कुल बगल से “I Love Navodaya” का वो सेल्फ़ी पॉइंड के साथ कुछ यादगार तस्वीरों के साथ हंसते मुस्कुराते उत्सुकता के साथ चेहरे में एक अलग ही मुस्कान लिए अब हम आगे स्कूल बिल्डिंग की ओर छोटे-छोटे कदमो से निकल चुके थे रास्ते मे दिखने वाली हर एक चीज से ना जाने क्यों एक गहरा सा नाता लग था।

रास्ते मे जाते वक़्त वो साज-सज्जा एक अलग ही रूप में प्रतीत हो रही थी वो रंग बिरंगे गुब्बारे, बेनर, बोर्ड, लाइट से सजी सड़के जगमगा रही थी वो यादों की तस्वीरों से सजी कुछ यादों की तस्वीरों से सजी यादों की दीवार हमारे कुछ गुजर चुके साथियों की तस्वीरों का यादों की दीवार पर चस्पा होना उन्हें देख कर ना जाने क्या क्या याद आ रहा था जो अब हमारे बीच नही थे। वहां से आने जाने वाला हर इक शक्स उन्हें गौर से निहार रहे थे। वो JaNaVi हेल्पिंग हैंड 2K2 के द्वारा सुसज्जित सेल्फी पॉइंड अद्भुत ही था मानो ये सब किसी सपना से कम ना प्रतीत हो रहा था।

ये सारा मनमोहक और अद्भुत दृश्य देखते ही बनता था इसकी कड़ी में वो नवोदय प्रेयर की वही पुरानी मधुर धुन का कानो तक पहुच कर अचानक से कानो में रेंगना इस सुहानी मधुर धुन को सुनकर झट से सीधे M.P. हॉल में पहुँचेेऔर पीछे जाकर हाथ जोड़ कर खड़े हो गए। राग में राग मिला कर वो नवोदय प्रेयर पहले की तरह सब के साथ गुन-गुनाना और पूरी तरह से पुराने दिनों में वापस से लौट जाना और उसी नवोदय धुन में मंत्रमुग्ध हो जाना। वही पुरानी जगह कुछ नए पुराने चेहरे वो हारमोनियम, कांगो, ढोलक के साथ गुजरा हर इक पल याद आ रहा था मानो हम वापस से उन दिनों में पहुँच चुके थे। मानो वो मॉर्निंग प्रेयर का हर इक लम्हा रह रह कर याद आ रहा था और हमे वापस से खीच कर उन पुरानी यादों की ओर खीच कर लेकर जा रहा था वो भी क्या दिन थे।
इसी कड़ी के साथ अब हर बार की तरह इस बार भी पूजा अर्चना की बेला आ चुकी थी। जैसे वर्षों से करते चले आ रहा है कि किसी कार्य की शुरुआत से पहले माँ सरस्वती की पूजन-अर्चन कर प्रोग्राम की शुरुआत करना। वो स्टेज में सजी कुर्सियाँँ उन कुर्सियों पर वहाँ पर बिराजमान आदरणीय शिक्षकगण और साथ ही 2K2 बैच के भैया दीदी की मौजूदगी देखते ही बनती थी।
अब वो पल था जब हमारे सम्माननीय गुरुओं का बारी-बारी से पुष्प-गुच्छ और शाल श्रीफल से स्वागत और उन सारे लम्हो को बारी-बारी से कैमरे में निरंतर कैद करते किया जा रहा था।

वहाँ स्टेज में नीचे बैठे बच्चे और पीछे दर्शक दीर्घा में बैठे एलुमिनी। क्याअद्धभुत नजारा था देखते ही बनता था, सब की नजर स्टेज पर गड़ी हुई थी।
वो स्टेज से 2K2 बैच के भैया लोगो के द्वारा शानदार मंच संचालन बीच-बीच मे हँसी,मजाक,मस्ती के साथ प्रोग्राम को आगे बढ़ाना बीच- बीच पर नोक -झोंक भारी बातों से मन बहलाना मानो समा ही बांध रखा था।
लगातार M.P. हॉल में लोगो की भीड़ अंदर आते ही जा रही थी। आते-जाते सब पैनी निगाहो से अपने साथियों को उस भीड़ में खोज रहे थे और उनसे बारी बारी से हाथ मिला कर गले मिलने का ये सिलसिला लगातार जारी था। ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे बरसों साल पहले बिछड़े यार मिले हो वहाँ पर की बैठक व्यवस्था, वीडियो-फोटोग्राफी, डी.जे.साउंड सारा कुछ दृश्य देखते ही बनता था सारा कुछ बड़े ही शानदार और सुन्दर ढंग से सजाया गया था।
अब घड़ी के कॉंटों के साथ प्रोग्राम भी आगे की ओर खिसकते जा रहा था। इसी के चलते वो नवोदय की बच्चियों का वही फेमस पुराना स्वगत गीत वही पुरानी कांगो, हारमोनियम, ढोलक मानो सारा कुछ एक सपने की तरह प्रतीत हो रहा था।
शानदार स्वागत गीत की प्रस्तुति के तुरंत बाद अचानक से पहली ही परफॉर्मेंस के रूप में स्टेज से हमारे नाम की आवाज कानो तक पहुँचना मानो हमे जैसे की इक पल को तो मानो विश्वास ही नही हुआ। अब हम झट से उठ कर स्टेज के ओर जाने लगे थे जाते वक़्त वही पहले जैसा शोर- गुल एक अलग ही दृश्य था इसी के चलते स्टेज पर पहुँच कर खुशी से अपना परिचय दे अपनी श्वरचित कविता जिसका शीर्षक था “यादगार दिन इतवार का”। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि आज एक बार फिर से नवोदय वाला इतवार यादगार हो चला था कविता को बड़ी ही ध्यान से सुनना और सुनकर वो तालियों की गडग़ड़ाहट वो बच्चो और दर्शक में उत्सुकता ने मानो समा ही बंध गया था । एक नवोदयन के द्वारा नवोदय के स्टेज में परफॉर्मेंस करना किसी सपना से कम ना था जो कि हर इक नवोदयन उस सपने को पूरा करना चाहता है, और चाहे भी क्यों ना इस जहान से इतनी यादें जो जुड़ी है। इसी स्टेज पर पूरा बचपन से जवानी तक दरी में बैठ ताली बजा उटिंग कर वक़्त जो गुजरा था। आज में बहुत खुश था वर्षों से अधूरा सपना पूरा हो चला था। मुझे अपार आनंद की प्राप्ति हो रही थी जो एक अलग ही खुशी थी।
इसके बाद बारी-बारी से बच्चियों बच्चो का डांस CSP RITESH भैया का वो सफलता का राज से भरी मोटिवेशनल भाषण हो चाहे वो EPFO कमिशनर भैया का प्रेरणा दायक मोटिवेशनल भाषण, KD भैया की वो शानदार धुन हर बार की तरह उस दफ़ा भी सब को मनमुग्ध कर चली थी । ऐसा लग रहा था कि बस सुनते ही जाए। बच्चो, बच्चियों, नवोदयन्स,

नवोदयन्स के बच्चो, 2K2 बैच के भैया दीदी की ताबड़ तोड़ परफॉर्मेंस सारा कुछ दिल की गहराइयों तक जा कर दिल को छू जाने वाला था। इसी के साथ हमारे गुजरे साथियों को भावपूर्ण श्रद्धांजली दे मोन रख उन्हें याद करना बीच-बीच में लकी ड्रा का होना कुछ नटखट भरे सवाल वो गिफ्ट का वितरण हर एक लम्हा यादगार और अद्भुत था। सारा कुछ 2K2 के भैया और दीदी लोगो के चलते ही संभव ही पाया था उनकी इतने सालों की मेहनत मानो आज आखिर रंग ला ही गई थी और लाये भी क्यों ना इतनी शिद्दत, कड़ी मेहनत और लगन के बाद ही संभव हो पाया था। धीरे-धीरे वक़्त का गुजरते जाना और लंच टाइम का आना लंच टाइम के पहले वो मस्त वाला स्टेज तोड़ डांस क्या नजारा था। सब के पैर थिरक रहे थे और दिल धड़क रहे थे कुछ अंदर तो कुछ बाहर तस्वीर लेने में घूमने में लगे हुए थे, और इन लम्हो को यादों की डायरी में कैद कर रहे थे।

अब सब धीरे-धीरे मेस की ओर खिसक रहे थे जहाँ मेस के बाहर एक सुंदर सा टेंट लगा हुआ था। एक बार फिर से उन दिनों जैसी भीड़ देखने को मिली एक ही थाली में वो 2-4 दोस्तो का एक साथ खाना मीठे में गुलाबजामुन का होना साथ ही होस्टल और नवोदय परिसर में सब का घूमना और लंच के बाद के प्रोग्राम के लिए दिल थाम कर रखना।


अब फिर से वापस से M.P. हॉल में दाखिल हो जाना वो फौजी बड़े भैया उनकी बैच के यारो द्वारा अपने कंधे में बिठा कर स्टेज तक ले जाना और जोरदार स्वागत किया जाना क्या नजारा था। एक के बाद एक बारी बारी से प्रोग्राम की कड़ी आगे बढ़ती जा रही थी। वो KD भैया की मधुर धुन से एक और शाम को यादगार बनाना बड़ा ही अद्भुत नजारा था ।
अब धीरे-धीरे शाम अपनी दस्तक देने लगी थी वो नवोदय का टी टाइम वो पारले जी,मेरीगोल्ड सब से मिलन हर इक लम्हा यादगार होते चला जा रहा था मानो इतिहास के पन्नो में अंकित हो चला था इस बार 2K2 बेच के द्वारा इक नया इतिहास रचा जा रहा था जिसकी लोगो ने कभी ऐसी होने की कल्पना भी नही की होगी। उस से कहीं ज्यादा था वो मेस वाले भैया लोगो का स्वागत सम्मान और भेंट जिन्होंने हमे 7 साल तक अपने हाथों से बना खाना खिलाया हो और आज भी निरंतर अपनी सेवा दे रहे हो सलाम है ऐसे हाथों को और लोगो को।

वो बिसेन सर की नवोदय की कड़ी से जुड़ी शानदार कविता, वो प्रिंसिपल मेम का जन्मदिन मनाना, वो गाने की गुनगुनाहट, वो प्रिंसिपल मेम को दिया गया गिफ्ट, एक अलग ही तस्वीर थी। वो सब के दिल को छू जाने वाली सबसे हट के वो तस्वीर सब की आंखों में झलक रही थी। वो प्रिंसिपल मेडम के साथ स्टेज में डांस, सारा कुछ एक अजूबा सा प्रतीत हो रहा था। ऐसी कल्पना किसी ने नही की होगी कि आज इतना सारा कुछ देखने को मिलेगा जिनसे यादें और भी मजबूत हो यहाँ अपनी जड़े जमा लेंगी। किसी ने सपने में भी इसकी कल्पना ना की होगी कि आज इतने सारे यादगार लम्हे देखने को मिलेंगे, और इतने शानदार ढंग से सारा कुछ अविश्वसनीय था और सारा कुछ आज 2K2 बैच के द्वारा किया गया था जो देखते ही बनता था।
सब तरफ चहल पहल सी थी। आज का दिन नवोदय के इतिहास के पन्नो में अंकित हो चला था। जब भी JaNaVi का इतिहास उठा कर देखा जायेगा, तो 10 दिसम्बर 2023, इस दिन को बार-बार याद किया जायेगा। अब प्रोग्राम अपनी अंतिम गति की और बढ़ता चला जा रहा था। अंत मे 2K2 बैच के द्वार 2K3 बैच को आने वाली मीट की कमान अपने हाथो से उनके हाथों में सोप देना एक ग्रुप छवि के साथ अपनी सारी जिमेदारी आगे के लिए उन के ऊपर छोड़ दी गई थी।

हर बार की तरह इस बार भी DJ की धुन में पूरा M.P. हॉल गूंज उठा था। वो सब के साथ डांस, वो बायो मेडम का आभार रूपी भाषण, सारा कुछ अनोखा और अनमोल था। अंत मे धीरे-धीरे M.P. हॉल से बाहर की ओर सब जाने को तैयार थे। कुछ अपने वतन की ओर मानो धीरे-धीरे सारा कुछ अब अगली साल की गोद मे जाते दिखाई दे रहा था। प्रोग्राम अपनी अंतिम कगार पर पहुँच चुका था। सब अपने-अपने संगी साथियों से मिल कर अपना बोरिया बिस्तर समेेट कर अब वापस जाने को तैयार थे।
इस दफा सब के चेहरे हल्के फीके पड़ चुके थे। अब चेहरे पर वो चमक दिखाई नही पड़ रही थी। मानो अब उनसे कुछ दूर सा जाता दिख रहा हो। सब अपने अपने घर की और जाने को तैयार थे। अब हम भी होस्टल की ओर चल पड़े थे ।होस्टल में जा कर अपने बैग उठा कर अपनी बाइक चालू कर अपने कुछ साथियों के साथ घर की और रवाना हो चले थे। जाते-जाते वहाँ की हर एक चीज कुछ ना कुछ याद दिला रही थी- हर बार की तरह इस बार भी आयोजन बड़ा ही अद्भुत दिखाई पड़ा 2K2 बैच ने प्रोग्राम को बड़े ही शानदार अद्भुत और मनमोहक ढंग से प्रस्तुत किया जो देखते ही बनता था सब की आंखे खुली की खुली रह गई थी।

एक बार फिर से दिसम्बर यादगार हो चला था और JaNaVi नवोदय कान्हीवाड़ा के इतिहास के पन्नो में अंकित हो चला था। जब जब इन इतिहास के ये पन्नो को पलट कर देखा जायेगा, तो ये 10 दिसम्बर 2023 का दिन सब को जरूर याद आयेगा और कुछ ना कुछ याद अवश्य दिलायेगा और कहेगा की कोन थे वो लोग जो नवोदय में अपनी मजबूत जड़े जमा कर चले गए और 2K2 का नाम सबसे शिखर पर दिखाई देगा यही नही 2K2 का ये शानदार आयोजन और कड़ी मेहनत हमेशा हमेशा के लिए इतिहास के पन्नो पर अंकित हो चली थी। हम चाह कर भी इन पलो को भूल नही पाएंगे.!!💙💚❤️💛

“जब भी अतीत पलट कर देखेंगे,,
“तो नवोदय वाले वो दिन याद आएंगे,,
“उन्ही दिनों को याद कर हम मंद मंद मुस्कुरायेंगे,,
“और उन्ही यादों संग वापस से नवोदय की यादों में खो जाएंगे,,
“वो नवोदय वाले दिन बहुत याद आएंगे.!!
💙💚❤️💛
कुछ तुमने कहा कुछ हमने कहा,,
कुछ तुमने सुना कुछ हमने सुनाया,,
वक़्त इन दिनों किसके पास होता है,,
कुछ तुमने निकाला कुछ हमने निकाला,,
कुछ इस कोने से कुछ उस कोने से आये,,
कुछ घर ऑफिस में झूठ बोलकर कुछ सच बोलकर आये,,
अपनो से मिलमे सब वक़्त निकाल कर आये,,
वक़्त का क्या वो तो बस चलते जाना है,,
उम्र का क्या वो तो बस ढलते जाना है बस ढलते जाना है.!🙂
💙💚❤️💛
शैलेन्द्र साहू
JaNaVi
JNV Kanhiwada Seoni, JNV Bargi Nagar Jabalpur.
2K13 बैच
💙💚❤️💛
I hope you find this blog entertaining and close to your heart. If you find some worth please share this with you Navodayan friends and group who are Navodaya Lover to make smile in their face and recall the sweet memories of Navodaya.
Source
JNV SEONI
Loved reading every word. Personally I feel we were in another world on that day. So much planning , execution and enjoyment went in the program. So many temptations that none dare to leave the Hall. Kudos boys and girls . I almost felt like celebrity the way my birthday was celebrated. The photograph made feel “wish I was so
beautiful”. Last but not the least good team work and the participation of senior alumini and that Hindi teacher who lovingly remembered every student by name and honouring the workers is something I cherished the most. I can write pages after pages.
With lots of love
Ma’am
Thanku so much ma’am 😊🙏
Great event and great Blog dear shailendra
बहुत बहुत धन्यवाद बड़े भैया आपका😊🙏
प्रिय शैलेन्द्र,
अद्भुत लेखन, बेहतरीन ढंग से पूरे दिन का वृत्तांत सीमित शब्दों में समेट दिया है. आपके उज्जवल भविष्य की हार्दिक शुभकामनायें.
शानदार कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए २००२ बैच के सभी कर्मठ भैया एवं दीदियों को अनंत बधाईयाँ.
वाह्ह्हह्ह्ह्ह जानदार – जबरदस्त – जिंदाबाद
🙏🙏💐💐🙏🙏
बहुत बहुत धन्यवाद बड़े भैया आपका😊🙏
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