हेलो दोस्तों आज आपके सामने प्रस्तुत है Alumni Meet की कविता (poem in alumni meet) जिसमें भूतपूर्व छात्र की फीलिंग शेयर करने की कोशिश की गई है। इसमें लिखेे हर शब्द उस Navodayan छात्र के हैं जो नवोदय छोड़ने के बाद सालों बाद Alumni Meet के बहाने दोबारा वापस लौटकर आने पर महसूस करता है। वह Navodayan पहले भी कई बार सुन चुका होता है कि Alumni Meet में बहुत मजा आता है लेकिन उसने वह पल कभी महसूस ही नहीं कर पाया। तो चलिए और देखिए कि एक Navodayan छात्र के रूप में क्या सचमुच आपने भी महसूस किया जब आप Alumni Meet में अपने इतने सारे दोस्तों से
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मिलन ऐसा मिलन तुमसे
मिलन ऐसा मिलन तुमसे, कभी ना होगा सोचा था,
कभी बिछड़े जो दुनिया में, तो क्या होगा ना सोचा था।।
वक़्त की तेज़ आंधी में, गुजर गए ख़्वाब से लम्हे।
रिवायत बनके पन्ने फिर, चले आये ना सोचा था।।
जब वह Navodayan दूर-दूर से आये अपने दोस्तों को देखता है जिनसे मिलना लगभग नामुमकिन सा होता है तब वह Navodayan अपने दिल में सोचता है कि दोस्तों से मिलने का यह सच में अनोखा और सबसे बड़ा़ साधन है जिसे वह यह कहकर बताने की कोशिश करता है –
कभी पूरब कभी पश्चिम, कभी उत्तर कभी दक्षिण।
मिलेगी ये दिशा सारी, इस जगह ये ना सोचा था।।
Navodayan यह बात अच्छी तरह जानता है कि नवोदय उसके लिये क्या है और नवोदय की क्या वैल्यू है, आप भी अगर सब में वही भाव लिए हुए हैं तो आपके मुँह से ऐसा ही कुछ निकलेगा –
ज़मीं सोना उगलती है, समुन्दर मोती देते है।।
यहां हीरे निकलते हैं, घरों से ये ना सोचा था।
नवोदय ने लगभग सभी का भविष्य बनाया है, सभी Navodayan को उस मुकाम तक पहॅुंचाया है जहॉं कैरियर के सपने पूरे होते हैं जहॉं वह पहॅुंच कर जीवन में संतुष्टि का अनुभव करता है और साथ ही उन्हें बॉंटने के लिए ढेर सारे कामयाब दोस्त भी दिये जो जीवन भर सुख और दुख में साथ देते हैं जो हमेशा मदद के लिए तैयार होते हैं और प्रेरित करते रहते हैं और इन सबको वह Navodayan दिल की गहराईयों से शुक्रिया करना चाहता है, वह अपने दोस्तों के लिए, अपने सीनियर और जूनियर के लिए और सभी मोटिवेटर्स के लिए इन शब्दों से अहसान जताना चाहता है –
हसरतें पाने की खुशियाँ, ख़्वाहिशें उड़ने की हरदम।
पंख तुम ही लगा दोगे साथियों ये ना सोचा था।।
दोस्तों यदि आपको यह Navodayan की कविता (poem on alumni meet) पसंद आई हो तो अपने दोस्तों जो भी Navodayan हो, के साथ शेयर करिए उन्हें बताहए कि वे आपके जीवन के लिए कितने कीमती हैं और आपके लिए कितने मायने रखते हैं।
दोस्तों आप कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें कि आपको यह Navodayan की छोटी सी कविता जाेे Alumni Meet के लिए विशेष रूप से लिखी गई है, आपको कैसी लगी। कविता पढ़ने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।
Farewell Poetry
As the final bell tolls, our time draws near,
To bid farewell with laughter and a tear.
In halls once filled with echoes of our cheer,
We now stand, hearts heavy, yet full of cheer.
We’ve journeyed together, hand in hand,
Through trials and triumphs, we’ve made our stand.
Each memory cherished, like grains of sand,
In the hourglass of time, forever grand.
With grateful hearts, we look back and smile,
At friendships forged over many a mile.
Though paths diverge, across every aisle,
Our bond remains strong, beyond any trial.
So here’s to the memories, etched in our hearts,
To the lessons learned, and the wisdom imparted.
As we part ways, let’s not be parted,
For in unity, our spirits are charted.
Farewell, dear school, our alma mater true,
We’ll carry your spirit in all that we do.
With hope in our hearts and dreams anew,
We bid adieu, but never adieu.
May our paths cross again, in the journey of life,
As we chase our dreams, through joy and strife.
For though we may part, as friends, we’ll survive,
In the tapestry of time, forever alive.
Hope you find this Alumni Meet Poetry or farewell poetry useful. Please share this to your friends.
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एल्युमनी मीट पर कविता
सालों बाद फिर से, वो चेहरे मिले,
खुशियों के पल, फिर से हंसने लगे।
स्कूल के आंगन में, वो कदम चले,
यादों के संग, दिल फिर से खिले।
दोस्तों का साथ, फिर से पाया,
वो हंसी-मजाक, फिर से आया।
गुरुओं के संग, सम्मान से झुका,
सपनों का वो पल, फिर से रुका।
बीते दिन, फिर लौट आए,
वो बातें, जो दिल में समाए।
एल्युमनी मीट का ये अनोखा रंग,
फिर से जगी, बचपन की उमंग।
समय बदलता गया, पर हम वही,
स्कूल की वो मिट्टी, अब भी सजी।
एक-दूसरे के साथ फिर से खड़े,
यादों का ये सफर, अब भी बड़े।
इस मुलाकात में, खुशियों की बौछार,
एल्युमनी मीट का, है ये उपहार।
दोस्तों का संग, फिर से मिला,
मन के आंगन में, प्यार खिला।
बेहतरीन
इस कविता की हर एक लाइन खीच कर उन पुरानी यादों में ले जाती है और उन यादों को को ताजा करती है! अद्धभुत रचना भैया👌👌❤️❤️